शब्द
शब्द
तू वक्त, तू जान
तू नशा, तू ही जहान;
लोग कहते हैं ये लफ़्ज,
प्यार होता है उन्हें जब
लेकिन क्या जाने इन शब्दों का मतलब वे,
क्या रखते ये मायने हैं;
एक वक्त था जब मैंने भी इन्हे कहा था ,
लेकिन पता मुझे भी इनका असली मतलब ना था|
"जब वो था तब सब था, और जब वो गया तो सब चला गया था "
कुछ ऐसा लगता था मुझे भी,
इन शब्दों का मतलब होता है कुछ ऐसा भी;
लेकिन सही वक्त जब आया, तब जाके जाना इनके सही मतलब को|
यही के: तू वक़्त, तू जान ;
तू नशा, तू ही जहान;
ये शब्द तुम्हारे हैं, तुम पर ही बसते हैं;
"जब जानोगे खुद को तूम तभी तो पेहचनोगे इनके असली मतलब को"
बस यही था कहना आज के;
मैं वक्त ,में जान ;
मैं नशा ,मैं ही जहान|