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शब्द

शब्द

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बहुत पसंद है न तुम्हें शब्दों से खेलना

काश मेरी तरह,शब्द तुम्हारे लिये एक खिलौना न होते,

थोड़ा सोच समझ पाते, तब इस्तेमाल मे इन्हें लेते।

यह बेजान नहीं, नशवर से ये चुभ जातें हैं।

चंद किताबें पढ़ना ज़रूरी नहीं है,

इंसान दिलों से समझे जाते हैं।

नहीं देता ख़ुदा यह हुनर उनको,

जो दिल से नहीं, दिमाग से ज़ज्बात निभाते हैं।


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