शायरी संदीप की
शायरी संदीप की
हमे तो लोगो ने भूलना शुरु कर दिया ।
ना जाने हमने कौन सा गुनाह कर दिया।।
छोड़ो फिक्र की बातें हमें क्यों याद करे कोई।
हमने भी बिना उनके रहना सीख लिया।।
हमे तो लोगो ने भूलना शुरु कर दिया ।
ना जाने हमने कौन सा गुनाह कर दिया।।
छोड़ो फिक्र की बातें हमें क्यों याद करे कोई।
हमने भी बिना उनके रहना सीख लिया।।