प्यारी बेटी
प्यारी बेटी
तू मेरे घर की ख़ुशियाँ है
जमाने में पगड़ी है तू मेरी।
आशीष देता हूँ तुझको,
दुआ तुझे है सुखी रहे जिंदगी तेरी।।
कितना नसिबों वाला हूँ रे मैं,
दुनिया का सबसे बड़ा दानी बनूँगा।
दान में तुझे दूंगा दूल्हे को,
जब कन्यादान करूँगा तेरी।।
तू जहाँ भी रहना मेरी बिटिया प्यारी,
ऐसे ही चमकती रहना।
क्या थी तू क्या है तू अपना
सम्मान बना घर संजोये रहना।।
माँ हूँ तेरी तुझे दुखी देख नहीं सकती,
दोनों परिवार में बेटी।
अपने माँ, बाप, कुल खानदान की
जड़ को सदा बनाये रहना।।
तू मेरी सबसे प्यारी दोस्त रहेगी,
जीवन मेरी रहे ना रहे।
याद हमेशा करते रहना,
बहना मेरी तू चाहे जहाँ रहे।।
रक्षा बंधन को तू भूल न जाना,
जीजा के घर जाकर।
ये घर तेरा भी है,
घर में आते रहना चाहे कोई बात रहे।।
