शायद ही
शायद ही
शाssssयद ही कोईssss
ऐसाssss दिन होssssss
जिसमें तुम न होssssss....
शायद ही कोई ऐसा दिन होsss
जिसमें तुम न हो.....
मेरा दिवानापनsss
देखे तुझ में सनमss
कोई प्यारा सा हमदम
तुझ पे दे दूँ मैं जान
तुझ पे हो जाऊँ कुरबान
तेरा ले के मैं नाम
फिरती रहूँ सुबह शाम
शायssssद ही कोई ऐसी रात होsss
जिसमें तुम्हारी याद न होsssssssss...
शायद ही कोई ऐसी ssss रात होss
जिसमें तुम्हारी याद न हो.
साथ तेराsss सनम
मेरे लिए नहीं
जानूँ मैं जानूँ
तू मरे लिए नहीं
तेरी कसम मुझे
मैं न बोलूँ कही
तेरी चाहत बस मेरे
दिल में रही
तेरी बातों में
बह गयी रे गयी
शायदssss ही कोई ऐssसी बाssत हो
जिसमें तुssम न होssssss..
शायद ही कोई ऐसी बात हो
जिसमें तुम न हो
हर पल मेरा सssनम
तुझे सोचने में गुजरे
आहटें कोई आये तो
तू हो ऐसा लगे
तुझ पे मैं हूँ फिदा
तुझे है देखा जब से
पल पल मेरा अब तो
तुझे देखने को तड़पे
शायssssद ही कोईsss ऐसा पल होsssss
जो देख के तुम्हेsssssss थमा न होssss.
शायद ही कोई ऐसा पल हो ... जो देख के तुम्हें थमा न हो..
शाssssयद ही कोईssss
ऐसाssss दिन होssssss
जिसमें तुम न होssssss....
शायssssद ही कोई ऐसी रात होsss
जिसमें तुम्हारी याद न होsssssssss...
शायदssss ही कोई ऐssसी बाssत हो
जिसमें तुssम न होssssss..
शायssssद ही कोईsss ऐसा पल होsssss
जो देख के तुम्हेsssssss थमा न होssss।