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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

शादी के बाद का प्यार

शादी के बाद का प्यार

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प्यार ही प्यार, हर उम्र में प्यार,

इसका रूप होता अलग अलग पर प्यार होता

अनोखा व बिना शर्त फिर भी हर एक को दूसरे से होता है प्यार,

शादी होता है एक बंधन, जिसमें बंधन में बंधते है एक स्त्री व पुरुष,

जिनमें शादी से पूर्व जरूरी नहीं होता है प्यार,

शादी के बाद दोनों में जैसे जैसे समय है बढ़ता,

आपस में विचार भी प्रगाढ़ है होते ओर प्यार भी बढ़ता है जाता,

शादी के बाद जब पहला बच्चा पैदा हो है जाता,

आपस का सामंजस्य भी है बढ़ता ,ओर प्रगाढ़ होता है प्यार,


शादी के बाद जैसे जैसे बच्चे जन्म लेते और बड़े होते है जाते,

पति व पत्नी दोनों करते अपने कर्तव्य पूरे पर,

आपस में बढ़ता जाता है प्यार,

शादी के बाद जब बच्चों की पढ़ाई हो जाती पूरी और

बच्चे संभाल लेते अपना व्यापार या करते ज्वाइन नौकरी,

तब पति पत्नी के बीच ओर भी प्रगाढ़ हो जाता प्यार,

शादी के बाद जब बुढ़ापा है आता, एक दूसरे पर निर्भरता बढ़ है जाती,

तब यह प्यार अपने चरम पर पहुंच है जाता तथा होता है एहसास असली प्यार,

प्यार एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ बदलता है जाता,

उम्र के हर चरण में बदलता रहता अपना स्वरूप प्यार,

प्यार ही प्यार, हर उम्र में प्यार, इसका रूप होता अलग अलग

पर प्यार होता अनोखा व बिना शर्त फिर भी हर एक को दूसरे से होता है प्यार,



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