सफ़र
सफ़र
नए सफ़र पर जाना है,
इन्तजाम चाहिए,
कुछ नया सुनाना,
एहतराम चाहिये ।
हवा हो रहे हैं,
अमन ओ चैन के किस्से,
मुहब्बत भरा,
कोई पैगाम चाहिए ।
कहीं घुट न जाए,
इन हवाओं में दम,
खुशबू चाहिए ,
थोड़ा घाम चाहिये ।
फूल चाहिये,
रंग चाहिये,
जहाँ जा कर,
मेरे पाँव की,
थकन मिट सके,
मुझ बटोही को,
अब ऐसा गाम चाहिये ।