मधुर-मधुर कोयल की बोली बचपन के मित्रों की टोली और खेल वो आँख मिचोली एक आम की छांव में दूर कहीं मेरे ... मधुर-मधुर कोयल की बोली बचपन के मित्रों की टोली और खेल वो आँख मिचोली एक आम की छां...
एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल ... एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूस...
थकी - थकी - सी है यह बेज़ार ज़िंदगी अब इसे थोड़े आराम की ज़रूरत है पसीने - पसीने हो गई है जल - जल के..... थकी - थकी - सी है यह बेज़ार ज़िंदगी अब इसे थोड़े आराम की ज़रूरत है पसीने - पसीने ह...
हरा- भरा जो गाँव था मेरा, टूटा बिखरा आज है... हरा- भरा जो गाँव था मेरा, टूटा बिखरा आज है...
तुम अलबेली शाम हो, मेरे प्यारे गाँव की...! तुम अलबेली शाम हो, मेरे प्यारे गाँव की...!
खट्टे हरे टिकोरे...। खट्टे हरे टिकोरे...।