सच्चे दोस्त
सच्चे दोस्त
समाज में लोगों के धर्म होते हैं विभिन्न
पुस्तकालय में भी होती है पुस्तकें विभिन्न।
खामोश रहकर भी किताबें बहुत कुछ बताती है
दोस्त मानो उन्हें तो दोस्ती निभाती हैं।
सिर्फ किताब में होने वाला ज्ञान काम नहीं आता
ज्ञान को हमें याद करना है पड़ता।
किताबें हमें दिखाती है सही राह
अकेलापन भी करती है दूर।
किताबों को दोस्त मानो तुम
इस खजाने को जानो तुम।
