STORYMIRROR

J P Raghuwanshi

Inspirational

3  

J P Raghuwanshi

Inspirational

"सच्चाई"

"सच्चाई"

1 min
398

जीवन हैं, दो दिन को मेला,

हंस चल दओं अकेला।


धन दौलत कछु काम न आवै,

जा में मूरख जीवन गवावें।

संग न जावै धेला,

हंस चल दओं अकेला।

जीवन-----


भाई-भतीजे कुटुंब कबीला,

अटा-अटारी, धन है सकेला।

गाड़ी, मोटर ठेला,

हंस चल दओं अकेला।

जीवन-----


अंत समय कछु न आवें,

अपनी करनी को फल पावै।

हो जाओं संतन को चेला,

हंस चल दओं अकेला।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational