"सब्र"
"सब्र"
जो लोग करते है,यहां सब्र
वो भला फिर झुकते है,कब
जो सहनशील है,यहां लब
वो फिर झुका देते है,नभ
जो भी सहनशील है,गजब
वो शूल बीच खिलते,सौरभ
सफलता का यह है,सबब
धैर्य से कर्म करते रहो,सब
गर लगातार बढ़ाओगे,कदम
लक्ष्य का जरूर मिलेगा,रब
धैर्य ऐसा ताकतवर है,शब्द
दरिया को बना दे,मीठा नद
गर भीतर का खत्म होगा,मल
जरूर पायेगा सब्र मीठा,फल
पाता सफलता का हर स्थल
धैर्य से जो जलता है,कुंतल
जो लोग करते है,नित ही सब्र
वो लोग पाते है,सुकूँ,बिन कब्र।