"होली"
"होली"
रंग,गुलाल की सजी हुई है,आज तो महफिलें
लगाकर एक-दूजे को रंग मिटा लो,गिले-शिक़वे
त्याग दो इस मन में रखे हुए मतभेद,तुम सारे
इस होली अपने मनभेद को,कर दो तुम बेचारे
इसबार होलिका दहन में जला दे,द्वेषता सारी
भाईचारे से महका दे,हिंदुस्तान की धरती प्यारी
रंग,गुलाल साथ उड़ा दे,वैमनस्य की किलकारी
इस होली के त्योंहार,मिलकर गले निभाये यारी
जैसे रंग होते,खिलखिले,वैसे हम लोगों से मिले
खुशियां मनाएं-बांटे,इस होली दीप जलाएं भले
किसी गरीब की खुशियों में हम भी खुश हो चले
होली,पे गरीब घरों की ओर परोपकार हेतु चले
सबसे अच्छा त्योंहार,होली का त्योंहार पगले
इस दिन तो दुश्मनों को भी लगा लेते है,गले
इस होली प्रकृति के रंगों में हम भी रंग चले
प्रकृति रंगों से खेले होली,दूषित रंग छोड़ चले
संगीत धुन पर नाचे,गाये ओर खुशियां मनाएं
इस होली दूसरों की खुशियों में खुश हो चले
इस होली पुराने दोस्तों से गर्मजोशी से मिले
पर्व होते परिवार,समाज जोड़नेवाले देव भले।