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Suvaiba Zaheen

Abstract Romance Fantasy

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Suvaiba Zaheen

Abstract Romance Fantasy

सावन

सावन

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बारिश की छम छम सुनकर तू आए,

ये दिल चाहता है !

सावन जो आया अब मुझे,

मेरा सनम याद आता है,

बारिश की दिलकश बूंदे

और अनदेखी हवाएँ,

हाय ये मौसम ए इश्क़ !

बिन तेरे सब तूफान सा उलझ जाता है।

बादल बरसे, तेरे दीदार को हम तरसे,

इस बरस जो तू आए,

हमेशा के लिए रह जाए,

ये दिल चाहता है !

सिर्फ तुझ को ये दिल चाहता है !


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