साथ
साथ
जिन्दगी बहुत उम्दा चली,जो ना चली तुम संग,
वो चन्द लाइने आज इन पान्नों पर सिमट रही हैं।।
छोटी सी है कुटिया मेरी,छोटा सा है परिवार,
और चाहिए क्या इस जीवन मे,
तो बस एक तुम्हारा साथ,बस एक तुम्हारा साथ।।
मईया का है प्रेम यहाँ पर, भईया का स्नेह यहाँ पर,
है बाबूजी की फटकार, और चाहिए क्या इस जीवन मे,
तो बस एक तुम्हारा साथ,बस एक तुम्हारा साथ।।
पतझड़ बसन्त का खेल यहाँ पर, वर्षा, शरद का मेल यहाँ पर,
है ऋतुओ की भरमार और चाहिए क्या इस जीवन मे,
तो बस एक तुम्हारा साथ,बस एक तुम्हारा साथ।।
खुशीयाँ चलती संग यहाँ पर है,जीवन के सब रंग यहाँ पर,
फिर क्यो थमी थमी सी साँस,क्यो बुझी बुझी सी आस,
शायद सब कुछ तो है इस जीवन मे,
बस एक नही तुम्हारा साथ,हाँ नही तुम्हारा साथ,
और चाहिए क्या इस जीवन मे,
तो बस एक तुम्हारा साथ,बस एक तुम्हारा साथ।।