सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्तां हमारा।
गरीबी में भी ख़ुशी से बिताते ये रोज़,
भारत की ये अद्भुत धरती, यहाँ की है संजीवनी खोज ।
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा।
बग़वान है खुद तालीमी रखता यहाँ,
सभी को इसकी सच्ची सीख देता शिक्षा द्वारा।
मिल्लत होने का एहसास यहाँ,
सबको बराबरी की तरफ बढ़ाता यहाँ।
फूलों में भी ख़ुशबू, हर तरफ बिखरे,
यहाँ की वादियों में बसी ख़ुदा की मोहब्बत ।
यहाँ की धड़कन, यहाँ की जवानी,
मिलकर रहती है सबको मनमोहक राही।
विविधता की भरमार, रंग-बिरंगी फ़िज़ाएं,
यहाँ की सुंदरता पर हम सभी को गर्व है आज भी प्यारी यहाँ की माता।
चर्चा हो या खबर, यहाँ का दिल है सदा खोला,
साहित्य से लेकर विज्ञान तक, हमें यहाँ है उम्मीदों का एक मोला।