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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Inspirational

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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Inspirational

सारा जीवन मेरे अंदर

सारा जीवन मेरे अंदर

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भाँति-भाँति का जीवन मुझ को

देता खुशी अपार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार


पर्वत शिखरों पर फैली जो

दिखती चादर एक

मन मोहे यह हर उस जन का

जो लेता है देख

स्वच्छ सफेदी से जुड़े दिखे

हरियाली के तार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार।


नील वर्ण से ढकी मही यह

अद्भुत नीला रंग

करतब करते दिखते कितने

बालक इसके संग

नाना विधि के रत्न खोज लो

है उनका भंडार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार।


मीलों ऊपर तक फैला है

देखो मेरा घेर

मुझ बिन कुछ भी है क्या बोलो

क्या मच्छर क्या शेर?

सबको मानूँ अपना ही मैं

मुझ को सबसे प्यार

सारा जीवन मेरे अंदर 

मैं इसका आधार।


एक जीव मुझ में ही पनपा

रहे पालता चाव

स्वार्थ सिद्धि ने जिसकी डाले

मुझपर बुरे प्रभाव

कैसे लालच है उसका यह

रहा उसी को मार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार।


हरे रंग में कमी हुई है

हुआ चहकना बंद

सूनी धरती सूना अम्बर

किसको यहाँ पसंद

बलखाती बहती नदियों की

सिमट रही जल धार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार।


सुधरेगी आदत जब सब की

होगा तभी विकास

स्वच्छ नीर से पोषित होंगे

शुद्ध वायु में श्वास

त्यागें सब कृत्रिम झोले अब

न हो प्रकृति पर मार

सारा जीवन फिर हो सुन्दर

मैं जीवन आधार।


भाँति-भाँति का जीवन मुझ को

देता खुशी अपार

सारा जीवन मेरे अंदर

मैं इसका आधार।



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