साँस आती रही, साँस जाती रही
साँस आती रही, साँस जाती रही
साँस आती रही, साँस जाती रही,
मैं तुझे गीतों में गुनगुनाता रहा।
जो मेरे मन में था मैंने वो ना कहा,
साँस आती रही, साँस जाती रही।
जो दिया तूने वो मैंने सब कुछ सहा,
हुआ मजबूर मैं लेकिन कुछ ना कहा।
तेरे खातिर हूँ मैं तेरे दर पे खड़ा,
है मोहब्बत का ये सिलसिला बड़ा।
साँस आती रही, साँस जाती रही,
मैं तुझे गीतों में गुन गुनाता रहा।

