रुके ना तू झुके ना तू…
रुके ना तू झुके ना तू…


रुके ना तू झुके ना तू,
बन जा आंधी, कि फिर थमे ना तू |
मन में ज्वाला जलने दे,
सपनो की नगरी बसने दे |
हुई जो भूल तो माफी मांग,
ले चल साथ हाथ तू थाम |
यह राह है कांटो भरी,
हिम्मत ना हार, है मुश्किल घड़ी |
सिसक सिसक के आह भर,
आज तो कुछ ऐसा कर गुजर |
देखे जहान देखे जमाना,
कुछ कार्य ऐसा कर दिखाना |
चींटी से सीख तू आगे बढना,
वृक्षों से सीख तू छांव देना |
हिमालय की चोटी सा चमक,
सूरज की किरनों सा दमक |
<
span>गंगा के जैसा बन पवित्र,
दिखा दे अपना तू चरित्र |
बुलंद आवाज अपनी कर दिखाना,
जग को अंधेरे से तुझे है बचाना |
गुनाह की दुनिया से निकल,
कुछ कर गुजर कुछ कर गुजर |
बन जा शिव, दुर्गा या चण्डी,
पापीयों ने की है अब दुनिया ये गंदी |
आगे देख बस चलता जा,
बन के तूफान तू बढता जा |
रुके ना तू झुके ना तू,
बन जा आंधी, कि फिर थमे ना तू |
मन में ज्वाला जलने दे,
सपनो की नगरी बसने दे |
हुई जो भूल तो माफी मांग,
ले चल साथ हाथ तू थाम |