रंग
रंग
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।
तेरे जीवन में रंग,
तो ....तेरे ही,
भरने से आएगा।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा।
किस सोच में ....हो।
कोई बांध के,
रंगों को सारे,
इंद्रधनुष.....!
तेरे हाथ में थमा जाएगा।
जिंदगी को तेरी,
रंगों से रंगीन,
वह कर जाएगा।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा।
हकीक़त के,
उन बदरंग दागों से लड़।
तू अपनी.....
हिम्मत से,
जिंदगी में रंग नये....
जब तक ना भर पाएगा ।
दुनिया के,
रंगों के इंतजार में,
बंदरंग तू हो जाएगा।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा
तेरे जीवन में असल रंग तो,
तेरे भरने से ही आएगा।