STORYMIRROR

Sunil Kumar

Inspirational

4  

Sunil Kumar

Inspirational

रंग पर्व मनाना तुम।

रंग पर्व मनाना तुम।

1 min
183

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम

एक रंग स्नेह का भी लगाना तुम

राग द्वेष सभी मिटाना तुम

सबको गले लगाना तुम


शिकवे गिले सभी भुलाना तुम

दिल से दिल मिलाना तुम

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।


मदिरापान न करना न कराना तुम

दिल किसी का न दुखाना तुम

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम


गोबर- कचरा किसी को न लगाना तुम

रंग पर अबकी जब मनाना तुम

आशीष बड़ों का पाना तुम


स्नेह‌ छोटों पर लुटाना तुम

रंग पर अबकी जब मनाना तुम।

रंग प्रेम का बरसाना तुम

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational