रंग दू आंचल तेरा !
रंग दू आंचल तेरा !
रंग दूं आँचल तेरा मेरे प्यार के रंग से,
लगा दूं रंग तेरी कमर पे लाल गुलाबी।
रफ्तार फिर तेज होगी सांसों की तेरी,
बहेकने लगेंगे नैनन तेरे होकर शराबी।
वो असर छोड़ जाऊंगा तड़पन में तेरी,
तू भी क्या याद करेगी मेरे ठाठ नवाबी।
तेरे तन का हर कोना में होंठोसे रंग दूं,
मेरे इश्क़ की अगन से में तुझे भिगो दूं।
ऐसे घुल जाएगा रंग फिर तेरी रूह में,
तेरी नस नस को रहेगी फिर मिलने की बेताबी।

