STORYMIRROR

MILAN LAD

Inspirational Others

3  

MILAN LAD

Inspirational Others

पता ही ना चला

पता ही ना चला

1 min
14K


अच्छा खासा जी रहा था बचपन !

बड़ा कब हो गया पता ही ना चला।


अभी अभी तो स्कूल बैग था कंधे पर,

हाथों ने ऑफिस बैग कब थाम लिया,

पता ही ना चला...


गुज़र जाता था दिन हँसने खेलने में,

मुस्कराते पल कब खामोश बन गए,

पता ही ना चला...


थोड़ी नादानी वो शैतानी बचपन की,

जवाब दारियों ने कब सब भुला दिया,

पता ही ना चला....


मम्मी की मुंह से निकलने वाली डांट,

कब बॉस के मुंह से सुनाई देने लगी ,

पता ही ना चला....


दोस्त साथ थे तब वक़्त कौन देखता था,

आज उनसे ही मिले कितना वक़्त हो गया,

पता ही ना चला....


रोज ९ बजे मम्मी सुला दिया करती थी,

अब तो ऑफ़िस में ही ११ कब बज गए,

पता ही ना चला....


हँसना चाहता हूं, रोना चाहता हूं फिर से,

हालात ने कब समझौता करवा लिया इनसे,

पता ही ना चला....


बैठा था अकेला तो थोड़ा सोचकर देखा,

यादों से लिपटकर आंखे कब रोने लगी,

पता ही ना चला...


पोंछ लिए आँसू मेरे हाथों ने जैसे मां बनकर,

यूं ही सोचते सोचते फिर कब आँख लग गई,

पता ही ना चला....


अच्छा खासा जी रहा था बचपन !

बड़ा क्यों हो गया पता ही ना चला ?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational