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Saumya Jyotsna

Abstract

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Saumya Jyotsna

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रंग दे इस होली

रंग दे इस होली

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फाल्गुन की मद मस्त होली,

उड़ाए गुलाल होली।

मिटाकर मजहब की दीवार,

चेहरे को रंगों से भरे होली।


पिया मिलन की आस में,

आंखों में रंग भरे होनी।

हाथों से हाथों के स्पर्श

को पाकर जैसे-

निखरे है गोरी।


अबीर उड़े और गुलाल उड़े,

हवाओं में फाल्गुन के गीत घुले।

सैया के संग गोरी खेले होली,

आवे ना लाज और कहे मोहे

सजन रंग दे इस होली।


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