रंग बसंती
रंग बसंती
देश प्रेम का रंग..... बसंती
तू ....बसंती आज भी उनके,प्यार की कहानी बोलती है
आजादी के दीवानों की, हवाओं में दीवानगी घोलती है।
तू ...बसंती आज भी उनके, प्यार की कहानी बोलती है
जब रंग तेरे में, रंग के हर एक बोला था,
रंग के बसंती चोला हर दीवाना देश का बोला था।
धरती को बसंती कर, देश की मिट्टी -मिट्टी बोली थी।
उनके प्यार की कहानी,बसंती स्वतंत्रता संग्राम ने खोली थी।
तू ....बसंती,आज भी उनके,प्यार की कहानी बोलती है
आजादी के दीवानों की,हवाओं में दीवानगी घोलती है।
अपने देश पर मिटने की,भारत रीत निभाता है ।
आज भी देश का,बच्चा-बच्चा अपने देश के रंग में गाता है।
तू बसंती .....आज भी,उनके प्यार की कहानी बोलती है
आजादी के दीवानों की, हवाओं में दीवानगी घोलती है।
वीर जवानों का, सरहद पे जब- जब पहरा बोलता है
देश की खातिर रंग बसंती,तिरंगा लेकर डोलता है।