रिश्तों में प्यार
रिश्तों में प्यार


अपने रिश्तों में कभी, कड़वाहट नहीं फैलाओ
आपस में मिलकर, हर रिश्ते में मधुरता लाओ
एक दूजे से बंधे रहना, तुम डोर प्रेम की लेकर
नफरत घृणा मिटाना, प्यार एक दूजे को देकर
मालूम नहीं किसी को, हम कितने दिन जियेंगे
क्या जीवन भर केवल, नफरत का विष पियेंगे
हर रिश्ते का सम्मान करो, ये ईश्वर की सौगात
छोड़कर मनमुटाव करो, केवल प्यार की बात
अपने परिवार को बनाओ, प्यारी सी फुलवारी
आपस के प्यार से ही, स्वर्ग बनेगी दुनिया सारी !