रिश्तें
रिश्तें
दादा - दादी ,नाना - नानी
दुलार कितना देते है
माँ - बाप जीवन ऐसा
अपना वो संवारते है
चाचा - चाची , मामा - मौसी
अपने सब लगते है
देखो कितना प्यार
हमें वो देते है
भाई - बहन होती
चचेरी मौसेरी है
खेल खेल मे
रुठते मनाते है
अपने पराये
देखो कितने रिश्तें है
कभी अपने पराये
कभी पराये अपने है