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Anjali Singh

Abstract

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Anjali Singh

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रिश्ते

रिश्ते

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जब दर्द होता है 

दिल खुद को खोता है 

जाने किस भंवर मे उलझी है जिंदगी 


रिश्ते - नाते अब सब झूठे लगते है 

रिश्तों की मर्यादा निभायी किसने है??? 

उठते है सवाल जेहन मे अब तो ये अपना है कौन ? 

और कौन पराया है?? 


खुशियों से अब तो डर सा लगता है 

खुशियाँ भी तो दो दिन की मेहमान ही होती है 

दर्द से तो रिश्ता पुराना है एक दर्द ही तो है जो 

अपना सा लगता है हर पल जो मेरे साथ रहता है 


जब दर्द होता है 

दिल खुद को खोता है 

जाने किस भंवर में उलझी है जिंदगी।


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