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Phool Singh

Classics

4  

Phool Singh

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रावण का आदेश

रावण का आदेश

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उत्पात मचा रहा एक उत्पाती वानर 

जा बेटा उसे सबक सीखा

है किस मर्ज की दवा इंद्रजीत ये 

उस वानर आज बता।।


उस वनवासी का भेजा हुआ या

किसी यक्ष-देव-दानव ने स्वांग रचा

त्रिलोक विजेता क्यूं कहलाता

क्या विश्व में लंकेश का खौफ बता।।


नौ ग्रह जिसके बंदी बने है 

बांधे जहां इंद्र भी अपने हाथ खड़ा

किसकी मजाल जो सामने आए 

क्या दशानन की महिमा उसे जाके बता।।


महाज्ञानी कौन मुझ रावण जैसा

त्रिलोक विजेता कौन बता

उसकी अशोक वाटिका में उत्पात मचाता

उद्दंडी वानर एक घुसा। 


अक्षय कुमार को मार गिराया

आया रूप बदल क्या कोई देव बता

ले मृत्यु का प्रतिशोध अपनी भाई का

उसके रक्त से तीरों की अपने प्यास भुझा।।


जिंदा न आना अगर हार गया तो

जा उस वानर को मजा चका

होगी वीरता की तेरी आज परीक्षा

जल्दी से उसको बांध के ला।।


सिरोधार्य आज्ञा आपकी 

पिताश्री अभी गया मैं अभी चला

एक वानर से हार जो जाय 

उसे इंद्रजीत कहलाने हक है क्या?

अभी गया मैं अभी चला।।


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