राष्ट्रप्रेम गीत (36)
राष्ट्रप्रेम गीत (36)
देश के दुश्मनों , होश में आओ तुम।
जान के हम खबरदार करते तुम्हें।।
फिर न कहना कि हमको बताया नहीं ।
छोड़ने वाले अब हम , नहीं है तुम्हें।।
क्या गुनाह तुम्हारा , है हमको पता ।
आंखें मूंदें कभी हम हैं , सोये नहीं।।
हम सोते भी हैं तो , खुली आंख रख।
वो तुम्हारा करम है , गवाँरा नहीं।।
देश के प्रहरी हम हैं , सभी जानते।
दुश्मनों पे नजर हम , गड़ा के रखें।।
खैर अपनी जो चाहो , संभल जाओ तुम।
सर के ऊपर गया पानी , डूबोगे तुम।।
देश से बढ़ के कुछ भी , नहीं है हमें।
देश खातिर जियें , देश खातिर मरे।।
जो मेरे देश से , गद्दारी जन करें।
पीछा छोडूं न उनका , मैं पानी तरे।।
