राष्ट्रप्रेम गीत (35)
राष्ट्रप्रेम गीत (35)
घर के रहो ना घाट के।
लड़ने को आए थे।
अक्ल तुम्हारी हिरा गई क्या ।
मरने को आए थे।।
काल ने ना तुम्हें बुलाया।
चले खुदई तुम आए थे।
काल से ना कोई बचा है ।
आके सभी समाये थे।।
देश तुम्हारा खतम ही समझो ।
तिरंगे आ लहराए थे।
भारत मां की गूंज सुना रई ।
भारती आ गुण गाए थे।।
जन्म हुआ हम से ही तुम्हारा ।
हम ही तुमको जाए थे।
गलती तुम्हारी भारी हो गई ।
मदर इंडिया आए थे।।
गलती अब हमसे ना होगी ।
हम गलती भर पाए थे।
हम थे और रहेंगे आगे ।
भारत मां के जाए थे।।
