प्यार का ग्राउंड ( 6 )
प्यार का ग्राउंड ( 6 )
वर्षों तक
भरनी पडी
जीवन की फिल्डिंग
प्रेम के ग्राऊँड में,
आखिर गुलाम बनाकर
राजा की राणी बन गई,
हप्ताभर का शोपिंग
और......,
क्रडिट कार्ड कि माया
सरकारी बैंक लोन की
रोज रोज कि ऊघराणि हो गई,
पिज्जा, बर्गर ,ईटली, ढोसा
रोज रोज का मेनु हो गया,
मुझे तो मक्कि कि रोटली
मक्कि कि धांणि (पोपकोन)हो गई,
वि.आर.एस. का तो पता नहीं
और.....,
ऐल.आई.सि. है न पाकी
बगीचा के बेंच पर
सभी दुखियों कि है सभा,
सब ऐक आवाज से बोल रहे हैं
आपनी तो जिंदगी हो गई है,
अब धूल धाणि हो गई !