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Ankita Bhadouriya

Romance

4.9  

Ankita Bhadouriya

Romance

पत्नी की अभिलाषा

पत्नी की अभिलाषा

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अच्छा सुनो....... जब कभी मेरे सिर में दर्द हो तुम दबा दिया करना,

ज्यादा कुछ नहीं बस अपने हाथ की बनी चाय पिला दिया करना।


अच्छा सुनो....... जब कभी माँ पापा मुझे डाँटें और मेरी आँखों में आँसू आ जायें,

तुम प्यार से मुझे गले लगा कर मेरा माथा चूम लिया करना।


अच्छा सुनो....... मेरे लिये अपना प्यार कभी कम मत करना मुझपर भरोसा बनाये रखना,

जब पूरी दूनिया मेरे खिलाफ खडी हो जाये तुम तब भी मेरा हाथ कसकर थाम लिया करना।


अच्छा सुनो...... मैं तुमसे कभी तोहफे में आसमान से चाँद सितारे तोड़ लाने को नहीं कहुँगी,

बस जब तोहफा देना हो तो मेरी माँ

ग में अपने हाथों से सिंदूर भर दिया करना।


अच्छा सुनो....... जब मैं तुम्हारे बच्चों की माँ बन जाऊँ और मैं बेहद मोटी हो जाऊँ,

तुम अब जैसा ही तब भी मुझसे प्रेम जता कर मुझे खूबसूरत होने का एहसास करा दिया करना।


अच्छा सुनो...... जब सारे मर्द अपनी पत्नियों के लिये सोने के आभूषण खरीदेगें,

तुम मेरे प्रति वफादारी और भरोसा हरदम बनाये रखकर गर्व के गहनों से मुझे सजा दिया करना।


अच्छा सुनो..... जब कभी मैं तुमसे लड़ जाऊँ और तुम भी मुझसे रूठ जाओ,

तो मेरे कान में धीमे से....... अर्धांगिनीजी, गोलगप्पे खाने चलें, कहकर मुझे मना लिया करना।


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