पर्यावरण की सुरक्षा करो
पर्यावरण की सुरक्षा करो


कहीं धुंए का गुब्बार है, कहीं बरस रहा कुहासा,
इंसान तेरे करतूत से प्रकृति हो गई है रूआंसा।
अब भी वक़्त बांकी है, तू गलतियों को सुधार ले,
अपने आने वाली पीढ़ियों को संकट से उबार ले।
ऐसा काम कर की पर्यावरण का नुकसान ना हो,
बचा ले कटते वृक्षों को, घर-कानन सुनसान न हो।
आज के स्वार्थ के लिए, ऐ इंसान तू हत्यारा न बन,
प्राणियों से प्रेम कर , इतना कठोर निर्दयी न बन।
वन और वन्य प्राणियों से ही, प्रकृति का श्रृंगार है,
पर्यावरण संरक्षित रहेगा, तभी सुरक्षित संसार है।