प्रतिकूल परिस्तिति
प्रतिकूल परिस्तिति
माहौल खराब नहीं है लेकिन
आपका दिमाग ऐसा है।
आपका दिमाग ठीक से अनुशासित नहीं है।
इस भयानक मन से युद्ध करें ।
प्रतिकूल वातावरण की शिकायत न करें।
पहले अपने मन की शिकायत करें ।
इसे पहले प्रशिक्षित करें।
यदि आप प्रतिकूल वातावरण के बीच
एकाग्रता का अभ्यास करते हैं,
तो आप मजबूत बनेंगे,
आप अपनी इच्छा-शक्ति का
तेजी से विकास करेंगे,
आप एक गतिशील व्यक्तित्व बन जाएंगे।
हर चीज में अच्छाई देखें और
बुराई को अच्छाई में बदल दें।
यह वास्तविक योग है।
यही एक योगी का असली काम है।
