प्रकाश की किरण
प्रकाश की किरण
मैं वो हूँ जो अंधेरे को हटाकर, प्रकाश की किरण जगाती हूँ ।
मैं वो ज्योत हूँ जो अपनी किरण की रोशनी से, दुनिया का अंधकार मिटाती हूँ ।।
मैं वो हूँ जो दुनिया को आबाद रखती हूँ, और पूरे संसार को बदलने की इच्छा रखती हूँ ।
मैं वो रूप हूँ जिसकी पुजा सारी दुनिया करती है, मैं वो हूँ जिससे प्यार मोहब्बत पुरी दुनिया करती है।।
संसार की आदी शक्ति प्यार मोहब्बत का दुसरा नाम, सबको एक संग रखने का करती हूँ मैं काम।।
प्यार देना प्यार बाटना यही है मेरा काम, गली चौराहे चप्पे चप्पे पर दुनिया लेती मेरा नाम।
मगर मेरे ही नाम से दुनिया हो गयी अब बदनाम, दुनिया हो गयी अब बदनाम।।
मैं वही शख्स हूँ जिसकी उम्र ना तीन सौ साल की है, ना तीस साल की नाही तीन साल की है।।
मेरी उम्र तो सिर्फ दो- तीन महीने की है, मैं सुनती हूँ मैं बोलती हूँ मैं सोच समझती हूँ ।
मैं हर एक बात को अपने दिमाग में बसा लेती हूँ, मैं हर एक बात को अपने सीने में दबा लेती हूँ ।।
मैंने सोचा है मैंने जाना है हर एक बात को, मेरे अंदर दबी हुई हर एक चिंगारी को।
मैंने कभी नहीं सोचा; होगा कभी मेरा ऐसा हाल, मेरे ही घर आंगन में मैं हूँगी ऐसी बेहाल।।
कभी तो कहूँ मैं इस दुनिया को, मैं हूँ एक ज्वाला, मैं हूँ एक ज्योत, मैं हूँ एक देवी।
मैं हूँ एक स्त्री जो संसार का दिया जलाती है, और अपने परिवार का अंधेरा मिटाती है।।
मगर आज बदल गया सारा संसार, सोचने पर मजबूर किया मुझे बार बार।
वो सबकुछ मैं तुम्हें कहना चाहती हूँ इस बार, वो सबकुछ मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ इस बार।।
मैं तो हूँ अब मेरी माँ के पेट में, देख रही हूँ दुनिया उसी की आंख से।
रोज रोज तू करती है मुझसे बाते माँ, कहती है मुझसे तेरे साथ है मेरी दुआ।।
तू पढ़ती है रोज अखबार, तू पढ़ती है उसमें मेरे उपर हुए अत्याचार। हर रोज नयी खबर, हर रोज मेरे उपर।।
कभी जन्म से पहले मुझे नष्ट किया, कभी जन्म के बाद मुझे कष्ट दिया।
कभी किया मेरा बलात्कार, कभी किया मेरा नरसंहार।।
यही है मेरी कहानी यही है मेरी कथा, कभी भी न देना मुझे तुम धोखा।
मैं जीना चाहूँगी, जिंदगी में बहुत कुछ बनना चाहूँगी।।
मेरे साथ तुम इन्साफ करना मेरी माँ, मुझे इस दुनिया में आने देना मेरी माँ।
कभी ना करना मेरी हत्या, कभी ना देना मृत्यु दंड।।
मुझसे बनी है ये दुनिया, मुझसे बना ये संसार। यही है मेरा कहना तुम सबको बार बार,
यही है मेरा कहना तुम सबको बार बार।।
