परिवार का पुराना छायाचित्र
परिवार का पुराना छायाचित्र
वो बरसों पुराना मेरे परिवार का छायाचित्र
दिल में आज भी भर देता है सुंगधित इत्र
जब भी दुनिया मे अकेलापन महसूस करता हूं
वो पुराना छायाचित्र ही बनता है मेरा मित्र।
पैसे की दौड़ में बहुत आगे निकल आया हूं,
याद बहुत आता है मुझे मेरे परिवार का चित्र
वो मेरे घर की बैठक
जहां पापा लगवाते थे मुझसे उठक-बैठक।
बहुत ख्वाबों में आता है घर का एक एक चित्र
बड़े भाई का मुझे बचाना,मेरी जगह खुद पिट जाना
आज भी देख कर परिवार का पुराना चित्र
आँखो से आंसू निकल आते हैं अतिशीघ्र।
वो बरसों पुराना मेरे परिवार का छायाचित्र
दिल में आज भी भर देता है सुंगधित इत्र
स्वर्ग को तो दोस्तों मैंने नहीं देखा है,
मैंने जन्नत को महसूस किया है
दोस्तों सिर्फ़मेरे परिवार के इर्दगिर्द
स्वर्ग से दूर होने का दर्द में जानता हूं
इस कारण तन्हाई में, मैं तड़पता रहता हूँ
दर्द बहुत है परिवार से दूर होने का मित्र
बीता हुआ कल तो में लौटा नही सकता हूं
पर इतना तो जरूर में अब जान गया हूं,
इस संसार में परिवार के बिना में तो क्या,
जानवरों के भी अधूरे से होते हैं चित्र
वो बरसों पुराना मेरे परिवार का छायाचित्र
दिल में आज भी भर देता है सुंगधित इत्र।
