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Moin Khan

Abstract

3  

Moin Khan

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परिंदे

परिंदे

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चल उड़ जा रे

परिंदे कहीं दूर गगन में


चुग ले दाना कहीं

किसी के दामन में


उड़ जा रे परिंदे

कहीं दूर गगन में


दाने चुग के देना आशीर्वाद

गगन के आंचल में


आना सबके दामन में उड़ जा रे

परिंदे कहीं दूर गगन में।


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