दिल ढूंढता है
दिल ढूंढता है
दिल ढूंढता है सनम तेरी ही हसरत,
मेरी पलकों पर हो बस तेरी ही फितरत,
जन्म जन्म जीना है संग
इश्क की यही तो है इज्ज़त,
वफ़ा करते करते निकल गया वो सफ़र,
मेरे अपनों ने है किया मेरा यह हसर,
पलकों पर झड़ी अश्कों की लगीं हैं।
सजा मुझे इश्क की कड़ी है।
