प्रेम की बुनियाद विश्वास
प्रेम की बुनियाद विश्वास


प्रेम
सबक
बन
जाता
है
प्रेम
का
स्वाद
कसैला
हो
जाता
है
प्रेम
दर्द
बन
जाता
है
प्रेम
तड़प
बन
जाता
है
प्रेम
में
दुख
होता
है
चुभन
होता
है
प्रेम
में
तमाम
गीले
और
शिकवे
होते
है
जब
प्रेम
की
बुनियाद
कमजोर
पड़ती
है
जब
विश्वास
टूट
जाता
है।