मकसद का पूरा होना
मकसद का पूरा होना
जिंदगी
में
छांव
था
कुछ
कतरा
धूप
का
चाहिए
जब
धूप
था
तो
छांव
चाहिए
था
नींद
पूरा
हुआ
अब
नींद
नहीं
चाहिए
कब
पूरा
हुआ
है
ख्वाहिशें
किसी
का
यह
मृगतृष्णा
की
तरह
होता
है
अधूरेपन
में
हीं
जीने
का
मकसद
पूरा
होता
है
