Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Janardan Gore

Abstract

4  

Janardan Gore

Abstract

प्रेम के कई चेहरे

प्रेम के कई चेहरे

1 min
248


प्रेम के होते कई चेहरे

रूप प्रेम के होते बहुत सारे

प्रेम राधा कृष्ण का

प्रेम मन के मिलन का।।१।।


प्रेम मिठीसी एक आस

प्रेम मन की एक प्यास

प्रेम के होते कई लीबास

प्रेम में कभी मिलता वनवास।।२।।


प्रेम का मोल होता अनमोल

प्रेम धरती जैसा गोल गोल

प्रेम निस्सीम भक्ती का

प्रेम अपने वतन का ।।३।।


प्रेम धरती और अंबर का

प्रेम चांद और चांदणी का

प्रेम मिठी एक सदभावना

एक दुसरे के गुण गाना ।।४।।


प्रेम बिना हैं जग सूना

प्रेम में होता हर कोई अपना

प्रेम के होते कई चेहरे

जो दिखते हमें हरे भरे।।५।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract