प्रेम के कई चेहरे
प्रेम के कई चेहरे
प्रेम के होते कई चेहरे
रूप प्रेम के होते बहुत सारे
प्रेम राधा कृष्ण का
प्रेम मन के मिलन का।।१।।
प्रेम मिठीसी एक आस
प्रेम मन की एक प्यास
प्रेम के होते कई लीबास
प्रेम में कभी मिलता वनवास।।२।।
प्रेम का मोल होता अनमोल
प्रेम धरती जैसा गोल गोल
प्रेम निस्सीम भक्ती का
प्रेम अपने वतन का ।।३।।
प्रेम धरती और अंबर का
प्रेम चांद और चांदणी का
प्रेम मिठी एक सदभावना
एक दुसरे के गुण गाना ।।४।।
प्रेम बिना हैं जग सूना
प्रेम में होता हर कोई अपना
प्रेम के होते कई चेहरे
जो दिखते हमें हरे भरे।।५।।