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Upama Darshan

Abstract

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Upama Darshan

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प्रार्थना

प्रार्थना

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मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो कोरोना

हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न


कैसे दहशत से दुनिया थमी है, सहमा सहमा सा हर आदमी है

आंकड़ा इसका‌ बढ़ता ही जाए, हर दिन होती कहीं पर गमी है

मौत की गोद सो गए हजारों, इस विपत्ति को अब तुम हरो ना


हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न

मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो कोरोना


कितनों ने नौकरी भी है खो दी, कितनों के घर पर न होगी रोटी

बच्चों के चेहरों पर देख आंसू, उनकी मां गहरे दुख से है रोती

इस संकट से तू इन्हें बचा ले, तेरी सृष्टि का ही अंत हो ना


हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न

मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो कोरोना


वायरस छोटा कहीं न है दिखता, इंसा अपने ही मद में खड़ा है

अब जाकर समझ उसको आया, कोई छोटा है न कोई बड़ा है

आज लाचार दिखता है इंसां, अब इस पर रहम तुम करो न


हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न

मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो कोरोना


क्लोनिंग करके था इंसां ने सोचा,मौत पर भी विजय जैसे पा ली

धरती के जीवों औ प्रकृति की, अपनी आदत से कर दी बदहाली

अपनी करनी पर पछताए इंसां, अब इसको सबक और दो न


हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न

मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो करोना


सर्वशक्ति है इंसा से ऊपर, वायरस देता है हमको इशारा

सारी दुनिया है रचना तुम्हारी, माफ़ करके इसे दो सहारा

आंखों में पछतावे की नमी है, इसका इम्तिहान अब और लो न


हम चलें अब से रस्ते पर ऐसे, भूल कर भी कोई भूल हो न

मेरी विनती है प्रभु आज तुमसे, खत्म दुनिया से कर दो कोरोना।


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