STORYMIRROR

Mohini Gupta

Inspirational

4  

Mohini Gupta

Inspirational

पिता

पिता

1 min
311

कौन कहता है पिता के सीने में,

दिल नहीं होता !

हम तो अश्रु बहा लेते हैं मगर वो,

दर्द पी जाते है !


है इक दिल तो उनके सीने में भी,

वरना वो यूं , बच्चों की ख्वाहिशों को 

पूरा करने में ना लगे रहते !


मां पिघल जाती हैं मगर एक पिता ही है जो,

हर हाल में चट्टान- से मजबूत खड़े रहते हैं,

अपने जिगर के टूकडों को हर हाल में,

खुश देखने के लिए।


जीवन में हर मोड़ पर सहयोग देने वाले,

बिना किसी स्वार्थ के, हां, इक पिता ही तो है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational