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Sadhna Mishra

Abstract

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Sadhna Mishra

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पीपल के पत्ते

पीपल के पत्ते

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पीपल के पत्ते को देखा

लाल कपोल से बढ़ते देखा।

उगते सूरज संग चलते देखा

शाम ढले ढलते भी देखा।


तन्मयता कर्म निष्ठा के

बिंब रूप में पीपल देखा।

दौड़ लगाती दुनिया को 

देते शीतल दामन देखा।


पीपल बरगद नीम पकड़ से 

धरती को निर्मल होते देखा।

प्रकृति के परिवर्तन में 

वृक्ष को स्थिर हमने देखा।


सांस सांस में अमृत भरते

शुद्ध वायु को करते देखा।

ब्रह्मा विष्णु शिव निवास

पीपल वृक्ष में हमने देखा।


पात- पात में अमिट समय की

 रेखा आते जाते देखा।

 सुबह शाम कर्तव्य परायण

 भाव अतुलनीय हमने देखा।


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