फूल अतिउत्तम
फूल अतिउत्तम
जिंदगी में मिले सितम
सिखाते है पाठ उत्तम
कैसे आंसू में हंसते है
दर्द करते गम को कम
एक हंसी मुस्कान से,
भर जाते सब जख़्म
जीत मिलती अनुपम
तपता जितना स्वर्ण
वो मिटाते जग में तम,
जो बनते दीप उत्तम
वो रोते बहुत कम,
ईमान से करते करम
शूल दर्दोगम,सहनेवाला
बनता फूल वो अतिउत्तम!
