फेसबुक वाली दोस्ती
फेसबुक वाली दोस्ती
कभी बाते करते
कभी हँसते मुस्कुराते,
मुलाकात की नही कभी उनसे
फिर ,भी दिल की हर
बाते समझ जाते ।
कभी ऑनलाइन आने का
इंतज़ार करते ,
तो कभी ऑफलाइन होने
पर रुठ जाते ।
कभी रात -रात भर बातो
में मसरूफ हो जाते ,
तो कभी बिना मतलब
ही गुस्सा हो जाते ।
टाइपिंग से कंटालकर इमोजी
से बाते करते,
कुछ इज़हार रह जाए तो
स्टिकर से लड़ते झगड़ते ।
कभी गुस्सा आ जाये तो
हफ्ते हफ्ते भी रूठ जाते,
फिर कभी याद आ जाये उनकी
तो, 200-300 सॉरी भेजे जाते ।
जान पहचान न थी कभी,
फिर भी , लगाव सी हो गयी उनसे,
आज रूबरू मिले है पहली बार
की दिल के तार जुड़ गए फिर से।।

