STORYMIRROR

dhiraj jesvar

Others

3  

dhiraj jesvar

Others

बिछड़न

बिछड़न

1 min
204

हमारी मोहब्बत से, थे ओ बेखबर

जिन्हें बनाने की ख्वाहिश थी हमसफ़र 

अब न जाने कहाँ चले गए हमें छोड़कर

हमारी निगाहें आज भी, 

उन्हें ढूंढ रही है दर बदर


आज भी उनसे मिलने की,

दुआ करेंगे खुदा से।

भले ही वो हो गए किसी और के हम जिगर।

मिल कर एक बार तो कहेंगे,

मोहब्बत न मिली तो कोई बात नहीं,

बस देखने आ जाना मेरी मौत का कबर।


अब तो आंसुओं को भी,

हमारे दिल से जलन होने लगी है,

जबसे दिल की बात सुनकर,

आँखें रोने लगी है।

वह तो बड़ी आसानी से कह गए,

हमें तुमसे मोहब्बत नहीं,

पर हमारी धड़कने आज भी,

उन्हीं की यादों में खोए जा रही है।

     

        

       


Rate this content
Log in