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dhiraj jesvar

Others

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dhiraj jesvar

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बिछड़न

बिछड़न

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हमारी मोहब्बत से, थे ओ बेखबर

जिन्हें बनाने की ख्वाहिश थी हमसफ़र 

अब न जाने कहाँ चले गए हमें छोड़कर

हमारी निगाहें आज भी, 

उन्हें ढूंढ रही है दर बदर


आज भी उनसे मिलने की,

दुआ करेंगे खुदा से।

भले ही वो हो गए किसी और के हम जिगर।

मिल कर एक बार तो कहेंगे,

मोहब्बत न मिली तो कोई बात नहीं,

बस देखने आ जाना मेरी मौत का कबर।


अब तो आंसुओं को भी,

हमारे दिल से जलन होने लगी है,

जबसे दिल की बात सुनकर,

आँखें रोने लगी है।

वह तो बड़ी आसानी से कह गए,

हमें तुमसे मोहब्बत नहीं,

पर हमारी धड़कने आज भी,

उन्हीं की यादों में खोए जा रही है।

     

        

       


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