STORYMIRROR

SRINIVAS GUDIMELLA

Abstract

3  

SRINIVAS GUDIMELLA

Abstract

पैसा में परमात्मा

पैसा में परमात्मा

1 min
1.3K


रोग नहीं यह ऐसा वैसा

इसका नाम है पैसा पैसा

काम करे यह कैसा कैसा

साड़ी दुनिया इसका प्यासा।


अपनों को ये करे पराये

सपने सुहाने हमे दिखाए

सुख और शान्ति दूर भगाये

मिठे न ऐसा प्यास जगाये।


इसके पीछे है ज़माना

पैसों का ये हुआ दीवाना

इसका है एक लंबा फ़साना

ये तो है एक ख्वाब सुहाना।


चले कभी ना खोता सिक्का

मंदिर हो या हो फिर मेक्का

खुदा ने किस्मत सबका लिक्खा

मगर सहारा सबका सिक्का।


जिसने कमाया ज़रुरत से ज्यादा

उसने है पाया चिंता और बाधा

तड़पेगा इस आग में सदा

इन्हे बचाले अब मेरे खुदा।


जितना चाहे उतना जमावो

नेक काम के लिए कमावो

खुद में सबको खुदा दिखावो

अपने आप को काबू में लावो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract