पानी सा निर्मल
पानी सा निर्मल
हर खूबसूरत सा चेहरा हसीन नहीं होता
चमकता तो हैं खूब लेकिन पानी सा निर्मल नहीं होता.
होश ना गवांना कभी किसी को भी देखकर
चमकने वाला हर पत्थर कभी सोना नहीं होता
इश्क में दो दिलों का मंजर दिल तक होता है
चाहत में करे सौदा वो खरा आशिक नहीं होता
लाख करें मिन्नतें कोई हासिल न कुछ होगा
विश्वास नहीं तो पत्थरों का मंदिर भी नहीं होता
मोहब्बत में वफा से ना तू हो बेवफा
प्यार के बिना अधूरा जीवन जीवन नहीं होता.
चमकता तो हैं खूब लेकिन पानी सा निर्मल नहीं होता.
हर खूबसूरत सा चेहरा हसीन नहीं होता ।