STORYMIRROR

VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

4  

VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

पानी की लहरें Prompt 19

पानी की लहरें Prompt 19

1 min
22.5K

शांत पानी में जब पत्थर फेंका है जाता,

पानी उछलता व लहरें पैदा है होती,

लहरें पानी के अंदर होती हैं तरंगे,

जो एक बिंदु से शुरू होकर फैलती है जाती,


लगता है जैसे पानी बहता है रहता,

लेकिन यह पानी का बहना नहीं तरंगों का पानी

की सतह पर गतिमान है रहना,


बड़ा ही सुंदर लगता है तरंगों का पैदा होना,

मनमोहक दृश्य होता है पानी की सतह पर तरंगों का चलना,

तरंगे उस बिंदु से अंतिम छोर तक है जाती,

जैसे-जैसे आगे बढ़ती उनकी ऊर्जा कम होती है जाती,


जैसे जैसे समय है बढ़ता जाता,

तरंगे भी अपनी उर्जा को खोकर शांत होती है जाती,

यदि हम कागज की नाव पानी की सतह पर रखे,

तो पता चलता है कि तरंगे तो आगे बढ़ती,


लेकिन कागज की नाव एक ही

जगह पर ऊपर नीचे होती है जाती,

शांत पानी में जब पत्थर फेंका है जाता,

पानी उछलता व लहरें पैदा है होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract